सच बोलना क्यों जरूरी है जीवन मे | प्रेरणादायक बातें सफलता पर दो शब्द | Motivational Speech In Hindi

 सच बोलना क्यों जरूरी है जीवन मे | प्रेरणादायक बातें सफलता पर दो शब्द | Motivational Speech In Hindi

आज मे आपको कुछ ऐसे झूठो के बारे मे बताना चाहूँगा जिन्हें हम बोलते है परन्तु उनका हमारे जीवन पर बहुत गलत प्रभाव पड़ता है शुरुवात करने से पहले अगर आप हमसे जुड़ना चाहते है तो हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करे ताकि हम आपके लिए प्रतिदिन एक नए प्रेरणा से भरे लेख आपके लिए लाते रहे |

हमारी सबसे बड़ी गलती खुद पर विश्वास ना करना  

सच बोलना क्यों जरूरी है जीवन मे | प्रेरणादायक बातें सफलता पर दो शब्द | Motivational Speech In Hindi
Motivational Speech In Hindi

आपको एक कहानी के माध्यम से बताने का प्रयास करता हूँ काफ़ी वक्त पहले की बात है एक शहर मे एक व्यक्ति रहता था जिसका बंदूक का निशाना सटीक था एक बार एक दुर्घटना मे उसके हाथ की ऊँगली और अंगूठा कट जाते है जिनका प्रयोग वह बन्दूक चलाने मे करता था | अब वह निराश हो जाता है इस बात से की आने वाली प्रतियोगिता मे वह हिसा नहीं ले पाएगा | 

एक दिन उसके दूर के दोस्त अचानक उससे मिलने आते है तभी उन्हें उनकी दुर्घटना मे हुई उनके ऊँगली और अंगूठे के कटने के बारे मे पता चलता है | अब उनसे उनकी यह दशा देखी नहीं जाती वह कहते है क्यों निराश हो तुम कोई बात नहीं अभी तो इश्वर का दिया हुआ जीवन तुम्हारे पास है और इश्वर जो भी हमारे लिए करता है वह अच्छा ही होता है क्या पता इश्वर तुम्हारी परीक्षा ले रहा हो | 

वह कहता है यह तुम क्या कह रहे हो परीक्षा वह कहता है हां मतलब की वह केवल तुम मानते हो की तुम्हारे अंदर जो प्रतिभा थी वह उस ऊँगली और अंगूठे के दुर्घटना मे कट जाने पर ख़तम हो गई परन्तु ऐसा बिलकुल भी नहीं है प्रतिभा तुम्हारे अन्दर है और वो तब तक रहेगी जब तक तुम हो तुम अभी भी मुझे पहले की तरह ही नज़र आ रहे हो तुम अगली प्रतियोगिता मे जरूर भाग लोगे ऐसा मुझे विश्वास है तुम्हारे पास इश्वर का दिया हुआ दूसरा हाथ है उसका इस्तेमाल करो तुम वही हो | 

इतना विश्वास दिलाने के बाद वह वहा से चले गए परन्तु उनकी इस बात से प्रेरणा लेकर वही इन्सान जो हर कर बेठ गया था हर दिन खुद को तयार करता गया और अंत मे प्रतियोगिता के लिए टायर होकर जीता भी अब सोचने वाली बात है की जब हम सब कुछ कर सकते है तो इंतजार क्यों करते है क्यों हारने पर भी कोशिश नहीं करते क्यों मिले हुए जीवन मे वो सपने नहीं देखते जो असंभव है बस आज से अभी से ही अपना लक्ष्य बनाये और तब तक हार बिलकुल भी ना मने जब तक जीत हमारे नाम ना हो सोचना बंद कीजये क्योकि अब तक आपको सोचकर कुछ नहीं मिला आगे भी नहीं मिलेगा करते रहिए |

क्यों दुसरो को दिखाने का प्रयास करते हो 

सच बोलना क्यों जरूरी है जीवन मे | प्रेरणादायक बातें सफलता पर दो शब्द | Motivational Speech In Hindi
Motivational Speech In Hindi

आपको एक कहानी के माध्यम से बताने का प्रयास करता हु की एक गाँव मे एक परिवार रहता था जिसमे २ लड़के एक लड़की और माता पिता थे दोनों बच्चो मे चाहे सारी बाते समान क्यों ना हो परन्तु एक बात का फरक था एक भाई ज्यादा बोलता था और एक भाई कम बोलता था जो भाई ज्यादा बोलता था वह कम करने मे विश्वास रखता था और जो भाई कम बोलता था वह कभी किसी काम के लिए मना नहीं करता था वह कभी थकता भी नहीं था अब वह स्कूल जाते और अच्छे नंबर लाते | 

अब वह पढ़ लिख कर कमाने लगे एक दिन पिता ने कहा की दोनों बच्चो की मे परीक्षा लेना चाहता हूँ पिता कहते है की बेटा मे आप दोनों को २००० -२००० रुपए दूंगा और आपको मुझे यह माह की अंतिम तिथि को वापस करने है वो भी २०० रूपए ऊपर मतलब की तुम्हे मुझे वापस करने है २२०० रुपए माह के अंत मे बच्चो ने कहा ठीक है अब जो अधिक बोलता था उसके दोस्त भी उसके जेसे थे और जो कम बोलता था |

उसके पास वक्त नही था दोस्त बनाने का उसे कोई पसंद नहीं करता था अब वह दोनों सोचने लगे की पिता के दिए हुए २००० रूपए को २२०० केसे बनाया जाए इतने मे जो अधिक बोलता था उसके दोस्त उसके पास आये और कहने लगे भाई आज को तेरी बारी हे कुछ पार्टी करने की अब उसके मन मे ख्याल आया की अभी तो बस १ तारीख ही हुई है काफी समय है पिता को पैसे लोटने मे कही ना कही से मे कर लूँगा अब बोलता वह अधिक था |

उसने कहा हां बिलकुल आज मेरी तरफ से तुम्हे पार्टी और सारे पैसे खर्च कर दिए अब होना क्या था उसके पास कुछ बचा नही सभी दोस्त खाकर चलते बने और जो भाई कम बोलता था उसने सोचा क्यों ना मे इन पैसो से छोटे व्यापारियों की मदद करू इसी बहाने मे कुछ कमा भी लूँगा उसने वह रूपए दो छोटे दुकानदारो को दिए और सोदा हुआ की माह के अंत मे दोनों उसे १२५० -१२५० लोटा देंगे वह मान गए और मदद के लिए धन्यवाद भी कहा | 

अब माह समाप्त होने से २ दिन पहले कम बोलने वाले भाई को दिए हुए पैसे मिलगये २५०० पिता जी को देने के बाद भी ३०० रूपए की बचत को सोच कर वह बहुत खुश था और इस ख़ुशी को बाटने के लिए वह घर के बच्चो के लिए कुछ मिठाए भी लेता आया बच्चे मिठाई खा कर बहुत खुश हुए | अब पिताजी ने माह समाप्त होने पर दोनों को बुलाया और कहा लाओ बेटा पैसे लोटा दो जो कम बोलता था उसने अपने पिता से कहा पिताजी की मैंने आपके दिए हुए पैसो से ३०० रूपए कमाए पिता इस बात को सुन कर खुश हुए | 

अब बारी थी दुसरे भाई की पिता ने पूछा बताओ बेटा तुमने क्या किया पैसो का बेटे ने पिता को सारी बात बताई और पिता को आश्वासन दिया की पिता जी मे आपको पैसे जल्द ही लोटा दूंगा पिता हँसने लगे और कहा की बेटा रहने दो अगर तुम आज वक्त रहते कुछ नहीं कर पाए तो वक्त के निकल जाने पर क्या करोगे तुम केवल अब यह सब बाते करना छोड़ दो जिनका तुम्हारे जीवन से कोई लेना देना नही है | 

बस आज के बाद कुछ भी बोलने से पहले यह सोचना की क्या तुम सच बोल रहे हो और क्या सामने वाला वही सुनना चाहते हो जो तुम बोल रहे हो किसी को नहीं फरक पड़ता तुम क्या हो जो भी हो तुम अपने लिए और अपनों के लिए हो बेटा यह बाते सुन कर रोने लगा और पिता से माफ़ी मागते हुए कहने लगा पिता जी आप सही हो मे अब तक यह सोचता था की मे जितना बातो को बढ़ा कर बताऊंगा उतनी ही मेरी लोगो मे वाह वाह होगी पर मैंने यह नहीं सोचा की मै जो हूँ वो अपने लिए हूँ किसी को नहीं फ़रक पड़ता की मै क्या हूँ क्या नहीं हूँ | 

इसलिए केवल जब भी आप कुछ बोले सोच समझ कर बोले क्योकि किसी को नहीं फरक पड़ता आप क्या बोल रहे है आप सच बोले और जो आपका सच सुनना पसंद ना करे यह समझे की वह आपके लायक नहीं है क्योकि जिसमे सच सुनने का हुनर होता है वही व्यक्ति स्वाभिमानी है और आपके लायक है और सच कभी छुपता नहीं इसलिए सच बोलने लगे आज से ही धन्यवाद |

मै आशा करता हूँ की अगर आपको यह लेख प्रेरणा दे पाया हो तो बिना सोचे हमसे झुड़े और हमेशा जीवन मे सच से दिन की शुरुवात करे |

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